...

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यही तो प्रेम है
शायरियों मे वार्तालाप को
ध्यान से जरा सुनिए
फिर अपने अपने प्यार को
इसी तरह समझीए,
वैसे तो आजतक कोई शायर नही बना
जब इश्क़ की खेती किया तो
लफ्ज़ उग गये
फिर एहसासों के पत्ते बने
और जज्बातो की निकली कलियाँ
उमंगों की खाद पडी
फिर लहलहा उठी बगिया
दो दिलो की दास्ताँ को मै
पेश कर रहा हूँ
आपसे आलोचना की
दरखास्त कर रहा हूँ
दीवाने ने कहा...
कहाँ हो तुम कि तुम्हारी याद बहुत आइ है
लहू मे कतरा बन रग रग मेरे समाई है
मेरे हाथ तेरे स्पर्श को बहुत तरसते है
तन्हाई दर्द बनके आंखो मे मेरे पिघलते है
तुम्हे कुछ अंदाज भी है
जरा भी मेरी कराह का
तुम्हे खयाल भी है जरा मेरे खयाल का...
महबूब नजाकत से बोली..
आंखों के राज सनम आंखो मे रहने दो
दिल मे उतर गये तो बहुत बवाल करेगे...
इश्क़ चुप न बैठा
समझाते हुए बोला...
दिल के दरवाजे पलको के बने होते है
अगर रुक गये यहाँ तो हजारो सवाल करेगे
प्रीत ने मिन्नत करी...
पलके चाहे मत खोलना सनम
पर दरवाजे दिल के खोल दीजिये
जहाँ मेरा बसेरा है
वहाँ तो आने दीजिये 🙏
आहा... इश्क़ नाच उठा
और बोला...
जिस महजबी का इंतजार
मेरा रोम रोम कर रहा है
बांहे फैलाए दिल है
वही मेरा महबूब आ रहा है
प्रीत गर्वित हो बोली
मै खुशनसीब हूँ जो
तुम्हारा प्यार मिला
जमाने भर से प्यारा
मेरा दिलदार मिला...
इश्क़ ने कहा नही ऐसी बात नही है
" मै पत्थर था तुझे छूकर कोहिनूर बन गया हू
तेरी आशिकी मे जाना मशहूर हो गया हूँ "
प्रीत ने कहा
" तुम क्या हो कभी मेरे दिल से पूछा होता
मेरे दिल के आइने मे छवि अपनी देखा होता "
मेरी सनममममम
" आजतक समझा नही
मुझे हुआ क्या है
अगर ये कजा है तो
फिर इसकी सजा क्या है??
तुम्हारी जवानी दिन ब दिन
अल्हड़ हुई जाती है
निखार चांद की तरह बढती ही जाती है
तुम्हारी रंगत का शवाब माशाअल्लाह
तुम्ही कहो न
इसमे इतना मजा क्यूँ है
प्रीत ने कहा..
उपरवाले ने मुझे
जिस तरह मिलाया है
कुछ समझकर ही
दिल का फूल खिलाया है...
" हाथ थामा है तेरा
साथ कभी न छोडूगा
तुम्हारे साथ ही
पैगाम ए मुहब्बत लुटाउंगा।।।।।