...

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याद तुम्हारी
याद तुम्हारी तो बहुत है आती,
हर पल बस तुम्हारी ही तस्वीर सामने है दिखलाती,
मन मानता ही नही की नजदीक अब मेरे कभी आ नही सकते तुम,
की धड़कनों में बसी हुई यादें अब वापास नही आएंगी और।
क्यों तुम मुझे अकेले छोड़ गए,
क्यों मेरी आँसुओ को पोछने तुम मेरे करीब नही आए,
क्यों तुम मेरे दिल को दफ़ना के चले गए,
क्यों बिना बताए तुम मेरा साथ छोड़ गए।
ये जिंदगी अब अधूरी सी लगती है जब याद है तुम्हारी आती,
मेरे लिए तुम सबकुछ थे,
कभी खयाल भी नही आया कि आज तुम हो लेकिन कल नही रहोगे,
लेकिन सच मे ये जिंदगी बड़ी बेचैन और तन्हा है क्योंकि दरवाज़े में अभी भी तुम्हारा इंतेज़ार है।
तुम जहा भी हो खुश रहो बस यही मेरी पुकार है,
और मैं इस जंग को जीत के तुम्हे गर्व दिलाऊंगी ये मेरा तुमसे सच्चा वादा है।
© Sanskruti Jiwankar