" हौंसलों को पंख लगाकर देखो "
हाथ दुनिया की बेड़ियों से छुड़ाकर देखो,
अपने भीतर भी एक पंछी है उड़ाकर देखो।
अरमानों को उड़ने दो ज़रा खुली हवा में
एक बार हौंसलों को पँख लगाकर देखो।
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अपने भीतर भी एक पंछी है उड़ाकर देखो।
अरमानों को उड़ने दो ज़रा खुली हवा में
एक बार हौंसलों को पँख लगाकर देखो।
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