कल्पना
भोर हुई तो गली में देखा
दूर तक अभी सूनी थी।
किसी के कदमों की आहट सुनकर
मुझे लगा...
दूर तक अभी सूनी थी।
किसी के कदमों की आहट सुनकर
मुझे लगा...