रात अनवरत है अभी….
रात अनवरत है…
तुम्हारा
सूरज उग चुका है
मगर
मेरी रात
अभी अनवरत है
तुम मुझे
कब से भुला चुकी हो
मगर
मिरे जहन
तुम्हारी याद...
तुम्हारा
सूरज उग चुका है
मगर
मेरी रात
अभी अनवरत है
तुम मुझे
कब से भुला चुकी हो
मगर
मिरे जहन
तुम्हारी याद...