कहानी नौरंगी की
एक जाट के हुई लड़की सबने बड़ी खुशी मनाई,
उसके घर कुछ समय से था एक नौकर नाई।
लड़की हुई बड़ी तो उसकी शादी की बारी आई रे,
जाट -जाटनी गए नहाने,धोने पाप गंगा माई में।
पीछे से बोला नौकर ,मुझसे करले शादी ए लड़की,
बोली ये है बात गलत,मै हूं आपकी बेटी की उम्र की।
नौकर ने की जिद्द बहुत, सोचे लड़की ये समय है कैसा ,
मैं करूंगी विवाह आपसे,पहले आप बनाओ एक महल मेरे पिता के जैसा।
नौकर ने उसके पिता के धन से ही महल बनाने की शुरुआत की,
कर रहे है आप ये पाप लड़की में मजदूरों से सारी बात की।
महल जीतना बनाए उतना तोडे, ऐसे मजदूरों ने लड़की का साथ दिया,
उसके माता पिता लौटे वापस तो नौकर ने बोल झूठ सब,...
उसके घर कुछ समय से था एक नौकर नाई।
लड़की हुई बड़ी तो उसकी शादी की बारी आई रे,
जाट -जाटनी गए नहाने,धोने पाप गंगा माई में।
पीछे से बोला नौकर ,मुझसे करले शादी ए लड़की,
बोली ये है बात गलत,मै हूं आपकी बेटी की उम्र की।
नौकर ने की जिद्द बहुत, सोचे लड़की ये समय है कैसा ,
मैं करूंगी विवाह आपसे,पहले आप बनाओ एक महल मेरे पिता के जैसा।
नौकर ने उसके पिता के धन से ही महल बनाने की शुरुआत की,
कर रहे है आप ये पाप लड़की में मजदूरों से सारी बात की।
महल जीतना बनाए उतना तोडे, ऐसे मजदूरों ने लड़की का साथ दिया,
उसके माता पिता लौटे वापस तो नौकर ने बोल झूठ सब,...