✍️"कलम से दोस्ती करके"✍️
कलम से दोस्ती करके आज मैंने ख़ुद को पहचाना है!!
ज़ेहन में जितने गर्त ज़ब्त थे, तमाम वो धो डाला है!!
नहीं थमते थें आबशार अश्क़...
ज़ेहन में जितने गर्त ज़ब्त थे, तमाम वो धो डाला है!!
नहीं थमते थें आबशार अश्क़...