मेरे अंदर एक.......!!!
मेरे अंदर एक लहर उठ रही हैँ
कहीं खुदको लेजाने की एक चहक उठ रही हैँ,
चेहरे पर यूँ कमसिन सी उदासी दिख रही हैँ
दूर जाता कुछ मुझसे मेरी ख़ुशी दिख रही हैँ,
मैं कहीं उसी दूर चबूतरे पर बैठी हूँ
मेरी रूह उसी कफंस मेँ कैद...
कहीं खुदको लेजाने की एक चहक उठ रही हैँ,
चेहरे पर यूँ कमसिन सी उदासी दिख रही हैँ
दूर जाता कुछ मुझसे मेरी ख़ुशी दिख रही हैँ,
मैं कहीं उसी दूर चबूतरे पर बैठी हूँ
मेरी रूह उसी कफंस मेँ कैद...