बचपन
जाने कहाँ गया वो बचपन सुनहरा
कहीं खो सा गया है वो बचपन सुनहरा
जब सब पराये होकर भी अपने थे
आज सब अपने होकर भी पराये हैं
कहाँ गया वो वक़्त जब कटी से रिश्ते खत्म...
कहीं खो सा गया है वो बचपन सुनहरा
जब सब पराये होकर भी अपने थे
आज सब अपने होकर भी पराये हैं
कहाँ गया वो वक़्त जब कटी से रिश्ते खत्म...