...

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बचपन
जाने कहाँ गया वो बचपन सुनहरा
कहीं खो सा गया है वो बचपन सुनहरा
जब सब पराये होकर भी अपने थे
आज सब अपने होकर भी पराये हैं
कहाँ गया वो वक़्त जब कटी से रिश्ते खत्म
और बटी से रिश्ते जुड़ जाया करते थे
कहाँ गया वो बचपन सुनहरा
कहीं खो सा गया वो बचपन सुनहरा
चलो ढूंढ लाये वो बचपन सुनहरा
आज तमन्ना हैं ये दिल में जागी
ढूंढ लाऊँ मैं वो पल सारे
ढूंढ लाऊँ वो परियो का संसार सारा
ढूंढ लाऊँ वो यादो का खजाना


© Kannu