...

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बंद ....
बंद यादों का दरवाजा
हमने मुद्दतों बाद खटखटाया,
पीड़ा हुई ये जानकार
कि चांद हमसे मिलने ना आया,

बंद कमरों की बत्तियां
हमने वर्षों बाद जलाई,
अचंभित हुई ये जानकार
कि अंधेरी सुरंग में मैंने ज्योत जगाई,

बंद ह्रदय की प्रीतियां
अरसों बाद मुस्कुराई,
दुविधा हुई यह जानकार
कि अपने सिरहाने मैंने क्या कमाई।

© Unsung Melody✌️