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मैं खुशकिस्मत लाडली बेटी
🙏🤓🙏🤓🙏🤓🙏
मैं खुशकिस्मत लाडली बेटी,
माँ की राजदुलारी हू।
देव तुल्य है पिता हमारे,
मैं उनकी फुलवारी हू।।

सास - ससुर के धड़कन,
घर की सुन्दर दुल्हन हू।
पतिदेव भोले भंडारी,
मैं उनके दिल बसती हू।।

बेटा - बेटी की प्यारी मम्मा,
ननद दुलारी भाभी की।
राजदुलारा मेरा भैया,
याद दिलाता राखी की।।

गंगा तटवासी है बहना,
रखती मन में निर्मलता।
गला लिपट जाती है जब,
उमड़ है जाती तब ममता।।

ससुराल है अवध नगर सा,
मैं मिथिला की बेटी हू।
सेवा - सत्य संकल्प लिए,
" अमृता " मै कहलाती हू।।
::::🙏अमृता, समस्तीपुर 🙏
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