निशब्द
लिखने को शब्द बहुत हैं, सुनने को बातें
मन का लिखा कोई न पढ़ पाया
कोई है क्या जो दिल में झांके
हृदय की वेदना उभर नहीं सकतीं...
मन का लिखा कोई न पढ़ पाया
कोई है क्या जो दिल में झांके
हृदय की वेदना उभर नहीं सकतीं...