...

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प्यार कहीं नहीं जाता
तेरी उस झलक में भोलापन था जो नैन नक्श से भी सुन्दर था
अभी भी वो कहीं बाकी है तुममें यकीन है मुझे जो कहीं खो गया था
मैं ऐसी नहीं किसी भी सूरत पर मर जाऊं तुम में अपना जैसा कुछ देखा था
हो सकता है वहम हो मेरा पर मैनें सब अच्छा ही तुम में देखा था
हालात वश सब बदल जाते है अक्सर पर
तुमसे हुआ जो प्यार है वो कही नही गया था
न जाने मुझसे क्या छूट गया जो कभी बाँधा ही नहीं था
आदत थी कि लगाव था यार था कि मेरा प्यार था
जो मेरा है हमेशा से फिर भी कभी मेरा हुआ न था

© बावरामन " शाख"