इकतरफ़ा इश्क़
जब भी चेहरा याद आता है तेरा, आँखों से
दरिया बहने को मज़बूर हो जाते हैं
तेरे उस हसीन चेहरे को याद कर, मेरे हर
ग़मजदा दूर हो जाते हैं
तुझको जो जरा-सी खरोंच भी आ जाए, मेरे चेहरे के नूर खो जाते हैं
मेरे हर रात की यूँ ही गुज़रती है दास्ताँ, कि खुले आसमाँ में टिमटिमाते तारों के नीचे...
दरिया बहने को मज़बूर हो जाते हैं
तेरे उस हसीन चेहरे को याद कर, मेरे हर
ग़मजदा दूर हो जाते हैं
तुझको जो जरा-सी खरोंच भी आ जाए, मेरे चेहरे के नूर खो जाते हैं
मेरे हर रात की यूँ ही गुज़रती है दास्ताँ, कि खुले आसमाँ में टिमटिमाते तारों के नीचे...