...

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गुरूर
सुबह की रौशनी में दिखे तेरे चेहरे का नूर।
तू ही मोहब्बत तू ही फक्र तू ही मेरा गुरूर।

तेरी हंसी से रोशन है मेरी सुबह का उजाला!
मेरी सांसे मेरी धड़कन तेरी अदा से मजबूर।

तेरी मोहब्बत में हर सुबह लगाता है निराला।
तेरा ज़िक्र तेरा फ़िक्र देता मेरे दिल में सुरूर।
© महज़