...

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समय की परीक्षा
उमर ही सवालों और उलझनों की
यहां ना किसी को बयान दिया जाता और
ना कोई सुनवाई,
क्योंकि यहां कोशिश को भी,
हार करार दिया जाता।
हम क्या महसूस करते
यह हमारा दिल ही जाने,
बाकी बचे-कुचे अनुभव सिर्फ हमारे दोस्त जाने।
अब सवाल खुद से है
उम्मीद रखूं या रास्ते बदल दूं,
हारा भी हूं मैं
हकीकत को जाना भी हूं मैं,
हमारे समय की कीमत,
उम्र से तय होने लगी है।
आजकल सबके एक मित्र का नाम
धैर्य है ,
इसके साथ हम सब की गहरी दोस्ती है।
आखिर में,
संतुष्टि रहने की हम सब की तैयारी है।

- prerna Waldia


















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