...

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साथी हमसफ़र
परमात्मा ने जीवन के हर क्षण में
क्या बसा रखा है कण कण में

फूलों पर भंवरा मडराता क्यूं हैं
चांद को चकोर निहारता क्यूँ है.
पपीहा एक बूंद को लालायित क्यूँ है

आकाश को धरती की चाहत क्यूं है
पहाड़ों को झरने की आदत क्यूं है

पेड़ों को हवा से प्रेम क्यूं है
सागर में मछली को रहना क्यूं है!

सूर्य को संध्या का ,रात को सहर का
इंतजार हमेशा रहता क्यूँ है,

ईश्वर ने प्रकृति को प्रेम से सवारां
सबकों मोहब्बत का पाठ सिखाया ,

अकेले तय नहीं होगा ये सफर
सबको दिया है साथी हमसफ़र!!!

✍ranu
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