आज फिर से बरसात
आज फिर से बरसात हुई
फिर भी कम न हुआ रास्तों की मुश्किल
बदल लेती है जो स्वरूप अपना
देख मुझे ऐसे ये रास्तों की मुश्किल
गगन से भी ऊँचा है हौसला
फिर भी भारी पड़ती है रास्तों की मुश्किल
जकड़ लेती जो पैरों...
फिर भी कम न हुआ रास्तों की मुश्किल
बदल लेती है जो स्वरूप अपना
देख मुझे ऐसे ये रास्तों की मुश्किल
गगन से भी ऊँचा है हौसला
फिर भी भारी पड़ती है रास्तों की मुश्किल
जकड़ लेती जो पैरों...