रंजिशे अपनी
वक्त की भी है दास्तान अपनी ,
हुए मेहमान वहा , जो थी मकान अपनी ।
मोहलत और किस्तों के फरेब में ,
उलझ गई...
हुए मेहमान वहा , जो थी मकान अपनी ।
मोहलत और किस्तों के फरेब में ,
उलझ गई...