सुकून 🤌🏻❤️
चांद को पाने की चाहत में
पाव से जमीं को जाते देखा है
जख्मों पर मरहम मिले या ना मिले
लोगों को घाव देते देखा है
इज जगत रीत को भूलते देखा है
कल तक लोग कुंआ से जल निकाल कर पीते थे
छप्पर की छांव में सुकून की नींद को लेते देखा है
आज घरों में पत्थर और फर्श दोनों हैं
मगर सुकून हर किसी के पास नहीं हैं
ना सुकून भरी नींद है...