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दर्द
बाहर से हर चेहरा हंसता हुआ नज़र आएगा
भीतर से टटोलोगे तो हर आंख में पानी है,
कुछ यादें लिए बैठे है,कुछ किस्से लिए बैठे है,
यहाँ लोग एक दिल के कई हिस्से लिए बैठे है,
बैठिये किसी के पास कुछ पल हमराह बनकर,
तभी जान पाओगे ,दर्द में कितनी सुनामी है,
कोई दर्द कह देता है, किसी को कहना नही आता
कोई पत्थर बन जाता है किसी को चुप रहना नही आता
सबकी आदत औरो को जानना,अपनी छुपानी है
चुप रह कर जिम्मेदारी निभानी है,बस यही जिंदगानी हैं
© sapna
भीतर से टटोलोगे तो हर आंख में पानी है,
कुछ यादें लिए बैठे है,कुछ किस्से लिए बैठे है,
यहाँ लोग एक दिल के कई हिस्से लिए बैठे है,
बैठिये किसी के पास कुछ पल हमराह बनकर,
तभी जान पाओगे ,दर्द में कितनी सुनामी है,
कोई दर्द कह देता है, किसी को कहना नही आता
कोई पत्थर बन जाता है किसी को चुप रहना नही आता
सबकी आदत औरो को जानना,अपनी छुपानी है
चुप रह कर जिम्मेदारी निभानी है,बस यही जिंदगानी हैं
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