.*यादों के पन्ने.......
*.......*यादों के पन्ने.......
पुरानी यादों को खोल कर देखा तो
याद बहुत आई
उन बिताये हुये लम्हों की
याद बहुत आई
सकूल की वह प्यारी सी मस्ती,
लड़ना झगड़ना फिर खेलना कुस्ती
स्वागतम पर बैठकर बातें करना
बातों बातों मे ही
हंसने रोने की याद बहुत आई
बीते दिनों की याद बहुत आई
माँ ने किस विषय पर डांटा था
टीचर ने किस लेक्चर पर पीटा था ...
पुरानी यादों को खोल कर देखा तो
याद बहुत आई
उन बिताये हुये लम्हों की
याद बहुत आई
सकूल की वह प्यारी सी मस्ती,
लड़ना झगड़ना फिर खेलना कुस्ती
स्वागतम पर बैठकर बातें करना
बातों बातों मे ही
हंसने रोने की याद बहुत आई
बीते दिनों की याद बहुत आई
माँ ने किस विषय पर डांटा था
टीचर ने किस लेक्चर पर पीटा था ...