प्रेम मिट गया इस धरती से
प्रेम मिट गया इस धरती से,
बोझ उठाए कहीं हम भी निकल पड़े,
सुकून कहाँ दिखे इस जीवन में,
जब प्रेम मिट गया इस धरती से।
आँखे दिखा रही है ओझल,
संसार जो उसने देख...
बोझ उठाए कहीं हम भी निकल पड़े,
सुकून कहाँ दिखे इस जीवन में,
जब प्रेम मिट गया इस धरती से।
आँखे दिखा रही है ओझल,
संसार जो उसने देख...