मेरे ख़्वाब
कुछ जुड़ने सा लगा था अभी
की अगले ही पल बिखरा पाया ख़ुद में
तेरे जाने की फ़र्क़ बस इतना सा होगा
पहले ख़ुद में तंहा था
अब तेरे साथ तंहा हूँगा
गिला तुझसे नहीं होगी कुछ भी
ये उम्मीद की जो रेखा है ...
की अगले ही पल बिखरा पाया ख़ुद में
तेरे जाने की फ़र्क़ बस इतना सा होगा
पहले ख़ुद में तंहा था
अब तेरे साथ तंहा हूँगा
गिला तुझसे नहीं होगी कुछ भी
ये उम्मीद की जो रेखा है ...