...

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प्यारी आर्या
मोहब्बत सी हो गई हे तुम से मिलके
एक आदत सी हो गयी है तुम से मिलके

तेरी बाते कहा कोई मुजे समजाता
तेरा एहसास ही जो तुजे मुज्से जोड़ता

अल्फज़ो के बिना तेरी मेरी बाते चले
आंखो से आँखे मिला तू अपनी बात कहे

इठलाथी बल्खाति दिन भर तू
सुनती कहा किसी की तू

थोडी नादान थोडी शरारती तू
दिन भर सो के मजे मे रह्ती तू

थोडा रोते थोडा मुस्कुराते भावों का सेलाब हो तुम
दबी हुई मुस्कान के पिछेका साहिल हो तुम

चहेरा ऐसी जेसे चन्द्र्मा सजाता
गालो पे लाली जेसे सूरज भभकता

फुलो सी नाजुक मेरी गुडिया
पहेली नज़र का प्यार आर्या

-आगम

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