...

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ऐतबार है मुझे
ऐतबार है मुझे, इस बात पर,
की जब भी मैं रोती होऊंगी,
आंसुओं को तूने सोखा होगा।

ऐतबार है मुझे, इस बात पर,
की परेशान जब हुई होंगी,
तूने मुस्कुराकर संभाला होगा।

ऐतबार है मुझे, इस बात पर,
नम होती मेरी आंखों को,
तूने हसाया तो जरूर होगा।

ऐतबार है मुझे, इस बात पर,
ख़ामोश मेरे लबों को,
तूने पढ़ा तो जरूर होगा।

ऐतबार है मुझे, इस बात पर,
मेरे कांपते हाथों को,
तेरे हाथों ने थामा होगा।

ऐतबार है मुझे, इस बात पर,
मेरी तरसि निगाहों को,
इंतजार से महरूम ना रक्खा होगा।

ऐतबार है मुझे, इस बात पर,
मेरे सूखे लबों को,
तेरे लबों ने गिला किया होगा।

ऐतबार है मुझे, इस बात पर,
गिरते हुए बीच राह में,
तूने सहारा तो दिया होगा।

पर कैसे ऐतबार करूं,
तेरी इस बात पर,
की मुझे जाते देख,
तू रोया भी ना होगा?

ऐतबार है दिल को,
की मुझे जाते देख दूर,
तूने रोका तो जरूर होगा।
© a_girl_with_magical_pen