गिरना
कोई भी इंसान बिना गिरे नही चल सकता ,
कभी कभी गिरना भी अच्छा है ,
क्योंकि गिरने से हमे और ताकत मिलती है ।
जब हम जन्म लेते है चल नही पाते ,
कई बार तो हम गिर जाते है ,
पहले हम अपने हाथो के सहारे चलते है ,
उसमे भी हम कई बार गिर जाते है ,
फिर हम अपने पैरो से चलते है ,
उसमे भी कई बार ठोकरे खाते है ,
गिरते है चलते है ,
तब हमे अच्छे से चलना आता है ।
गिरना भी अच्छा है ,
जब हम बड़े हो जाते है ,
उसमे भी कई बार हम गिरते है ,
इसीलिए कहा जाता है ,
अपने आप को कभी कम मत समझना,
इस दुनिया का क्या है ,
आज बोलेंगे कल चुप हो जायेंगे ।
पर अगर आप गिर कर उठ जाओ ,
तो वही लोग आपके सामने सर झुकाएंगे ।
कभी भी किसी को कम नही समझना चाहिए ,
क्योंकि समय कब किसका कहा बदल जाता है ,
पता नही चलता ।
कभी कभी गिरना भी अच्छा है ,
क्योंकि गिरने से हमे और ताकत मिलती है ।
जब हम जन्म लेते है चल नही पाते ,
कई बार तो हम गिर जाते है ,
पहले हम अपने हाथो के सहारे चलते है ,
उसमे भी हम कई बार गिर जाते है ,
फिर हम अपने पैरो से चलते है ,
उसमे भी कई बार ठोकरे खाते है ,
गिरते है चलते है ,
तब हमे अच्छे से चलना आता है ।
गिरना भी अच्छा है ,
जब हम बड़े हो जाते है ,
उसमे भी कई बार हम गिरते है ,
इसीलिए कहा जाता है ,
अपने आप को कभी कम मत समझना,
इस दुनिया का क्या है ,
आज बोलेंगे कल चुप हो जायेंगे ।
पर अगर आप गिर कर उठ जाओ ,
तो वही लोग आपके सामने सर झुकाएंगे ।
कभी भी किसी को कम नही समझना चाहिए ,
क्योंकि समय कब किसका कहा बदल जाता है ,
पता नही चलता ।