तुम्हारे इश्क़ में शोर बहुत था!
मैं एक सुकून पसंद लड़की..
पर तुम्हारे इश्क़ में शोर बहुत था।
मैं सन्नाटों में उम्मीद ढ़ूढ़ने वाली..
तुम्हारे शोर में कैसे खुश रहती?
कुछ सब्र कि कमी तुममें ज़्यादा थी..
मैं आखि़र तुमसे कैसे कहती?
कि मुझे तुम्हारी धड़कन में सुननी है..
मेरे नाम की एक आवाज़।
कि मुझे पन्नों पर लिखना है तुम्हारा...
पर तुम्हारे इश्क़ में शोर बहुत था।
मैं सन्नाटों में उम्मीद ढ़ूढ़ने वाली..
तुम्हारे शोर में कैसे खुश रहती?
कुछ सब्र कि कमी तुममें ज़्यादा थी..
मैं आखि़र तुमसे कैसे कहती?
कि मुझे तुम्हारी धड़कन में सुननी है..
मेरे नाम की एक आवाज़।
कि मुझे पन्नों पर लिखना है तुम्हारा...