...

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ग़ज़ल
जब दूसरों का दिल में दुख दर्द ही नहीं है
जी तो रहे हो लेकिन ये ज़िन्दगी नहीं है

मुझ से ख़फ़ा ख़फ़ा हैं ये मेरे शहर वाले
मतलब की बात उनके मैं ने करी नहीं है

इंसानियत का मकसद है प्यार और मोहब्बत
जो नफरतों को पाले वो आदमी...