सुरूर-ए-इश्क़
सुरूर-ए-इश्क़ का हर लम्हा
आज भी याद हैं
तड़प तुम्हारे सीने की बढ़ती
धडकनों पर आज भी ऐतबार हैं
समझ के फेर में महोब्बत का
एक पन्ना पीछे छूट गया
देखना मुड़कर कभी
उसी लहज़े में
आपका दिलबर
नज़र आएगा
© उन्मुक्क्त अनूप
आज भी याद हैं
तड़प तुम्हारे सीने की बढ़ती
धडकनों पर आज भी ऐतबार हैं
समझ के फेर में महोब्बत का
एक पन्ना पीछे छूट गया
देखना मुड़कर कभी
उसी लहज़े में
आपका दिलबर
नज़र आएगा
© उन्मुक्क्त अनूप