...

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वक्त
वक्त निकालकर मैंने वक्त से बात की
कभी तुम अच्छे कभी खराब क्यों होते ही।।

जब भी तुम्हारी जरूरत होती है तुम हमेशा दूर ही होते हो।।

जब मै चाहूं अच्छा वक्त ना जाने तुम रूठ क्यों जाते हो।

जब मैं तुम्हे ना चाहूं तुम मेरे पास आ जाते हो।।

ऐ वक्त तुम कब मेरे साथ रहोगे।
तुम और मैं मिलकर एक इतिहास लिखेंगे।।

मै चाहता हूं बुरा वक्त हमेशा मेरे साथ रहे।
वो तो शक्ति और ज्ञान देता है।
अच्छा वक्त अभिमान देता है।।

अभिमान से दूर रहे।
इसलिए बुरा वक्ता तू मेरे साथ रहे।।