भक्ति की दिव्य दृष्टि
दक्षिण भारत के एक महान आलवार सन्त श्री कुलशेखर जी ने अपनी पुस्तक "मुकुंदमाला स्रोत” में भगवान श्रीकृष्ण से यही प्रार्थना की है-
कृष्ण त्वदीय पद पंकज पंजरान्ते.
अद्येव मे विशतु मानस राजहंशः ।
प्राण...
कृष्ण त्वदीय पद पंकज पंजरान्ते.
अद्येव मे विशतु मानस राजहंशः ।
प्राण...