#वो तुम ही तो थे #writco
वो तुम ही तो थे जो मेरे गले लग जाते थे न जाने अब कहाँ चले गए
वो तुम ही तो थे जो मेरे आँसू पोछते थे अब कोई नहीं है मेरे गम में
वो तुम ही तो थे जो मेरे हाथों में चूड़ियाँ पहनाते थे अब ये हाथ भी खाली पड़ गए हैं
वो तुम ही तो थे जो मेरे पैर दबाते थे न जाने अब ये पैर हमें ना भाते हैं
वो तुम ही तो थे जो मुझे नथिया पहनाते थे न जाने अब वो नथिया टूट-सा गया हैं
वो तुम ही तो थे जो मुझे बाली पहनाते थे न जाने मेरे अब कान सूने पड़ गए हैं
वो तुम ही तो थे जो मेरे सिर में तेल लगाते थे अब वो सिर भी भारी हो गए हैं
वो तुम ही तो थे जो मेरे चोटियां गुथते थे न जाने अब चोटियां गुथने में कितने बरस बीत गए
वो तुम ही तो थे जो मुझे पायल पहनाते थे न जाने मेरे पैर भी सूने हो गए हैं
वो तुम ही तो थे जो मुझे साड़ी पहनाते थे न जाने वो साड़ी कहाँ गुम हो गए हैं
वो तुम ही तो थे जो मेरे आँखों में सुरमा लगाते थे अब अँख भी काले पड़ गए हैं
वो तुम ही तो थे जो मेरे ओठों को सजाते थे अब ये ओंठ भी पीले पड़ गए हैं
वो तुम ही तो थे जिसके नाम की अंगूठी पहन रखी हैं अब ये अंगूठी भी फीकी पड़ गई हैं
© Utsav Gupta (Mona)