क्या चाहिए
ना फ़लक पे चमकता महताब* चाहिए
ना रोशनी का ज़रिया, आफताब* चाहिए
ना आब* चाहिए, ना शराब चाहिए
ना ही कुछ भी दिलकश, ना खराब चाहिए
हर दफ़ा...
ना रोशनी का ज़रिया, आफताब* चाहिए
ना आब* चाहिए, ना शराब चाहिए
ना ही कुछ भी दिलकश, ना खराब चाहिए
हर दफ़ा...