"अपने अंदाज़ का सुकून"
"मैं पुराने ख़यालात का लड़का हूँ,
आज भी शायरी मेरी जान है,
महफ़िल चाहे कितनी भी रौनक भरी हो,
सबसे दूर खड़ा रहना मेरा सुकून है।
रातों को जब नींद आँखों से दूर हो,
तो ग़ज़ल का सहारा लेकर...
आज भी शायरी मेरी जान है,
महफ़िल चाहे कितनी भी रौनक भरी हो,
सबसे दूर खड़ा रहना मेरा सुकून है।
रातों को जब नींद आँखों से दूर हो,
तो ग़ज़ल का सहारा लेकर...