...

10 views

हम बैठें हैं लुटने के लिये।
इच्छा जाहिर करके तो देखो
नज़राना बैठा है बिकने के लिये।

क्यों सिर्फ निगाहें सेकते हो,
ये तारा बना ही है टूटने के लिये।

यूँ हाथों को मसलना छोड़ो मेरे दिलदार,
हम बैठे हैं यहाँ सिर्फ लुटने के लिये।

एक बोली का है बस इंतज़ार,
इन जांघों को खुलने के लिये,
जरा हिम्मत तो दिखाओ बरखुरदार,
हम तैयार हैं बदन लुटाने के लिये।

अब नहीं होता इंतज़ार जनाब,
बदन पसीज जो रहा है जवानी की आग में।
अब कर भी दो इज़हार मेरे यार,
हम बैठें हैं तुम्हें अपने आगोश में सुलाने के लिये।

यूँ छुप छुप कर ना करो दीदार,
घूँघट उठा के जो हम रहते हैं।
अब और ना तड़पाओ सरकार,
गुलबदन की तपिश का हो जाने भी दो शिकार।

आहें भरते दिल को ना दबाओ मेरे राजकुमार,
हम बैठें हैं तुम्हारी आग में जलने के लिये।

#Writco #hindiwriteups #poetry #erotica #erotic #wordporn #wordgasm #kunba #thehellishvisionshow
© Kunba_The Hellish Vision Show