...

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तौबा की दुआ
सुना है की…
हम जैसे तौबा करनेवालों के लिए ऐ अल्लाह ।
मगफिरत का दरवाजा, हमेशा तेरा रहता खुला ।।

हमें अस्ताघफिरूल्लाह पढ़ने का दे अजिमो तौफिक ।
जिससे बना रहे हमपे तेरी रहिमो शफ़िक़ ।।

हम गुनाहगार और बत्कार हैं… क्यूँके गिरफ्तार हैं शैतानी गुनाह में ।
हाँ, गिड़गिड़ाकर रो रहे हैं अब… ले ले तू अपनी पनाह में ।।

दुआ है तुझसे… हमारे अमाल और ईरादे देख, करदेना हमें तू नेक़ बख़्त में शामिल ।
क्यूँके ईमान इतना मजबूत नहीं है कि... दूर न हो सकें फिरसे गफलत से गाफिल ।।

अच्छे बुरे की तो पहचान... सब तुझे ही है, हमारी सारी अमाल लिखता है ना तू !...