...

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी
अरे सुनो! जरा सुनो!
बालक हुआ यशोदा को,
बड़े मोहक मुस्कान,
कपोल उसके गुलाबी हैं,
अखियां का क्या बखान!!

अपनी गोद में लिया है मैंने,
उसमें अलग सी है बात ।
विश्वंभर मेरे हाथ में,
परम कृपा है नाथ।

सुनो -सुनो!
अरे बहन!
जाओ-जाओ जरा,
जल्दी जाओ ।

देख लो उस माधुर्य रस को,
तनिक ना क्षण गवाओ।
है बड़ी-बड़ी अखियां उसकी ,
नन्हें-नन्हें हाथ ,
कोमल है पैर उसके ,
ले लो आर्शीवाद ।

अरे-अरे!!मेरे ललना को,
कहीं चोट ना लग जाए ।
बड़ा ही कोमल मेरा बालक ,
नजर ना लग जाए ।

लगा है आंखों में "कजरा",
" आह-वाह " की प्रतिध्वनि,
खिल चुका है भक्तों का चेहरा ,
और प्रभु की माधुर्य ध्वनि।
© श्रीहरि