वो और मैं
#दर्पणप्रतिबिंब
आज दर्पण को देखकर
सहसा ये सवाल कर बैठी हूं
कौन हो तुम??
कुछ कुछ पहचानी सी लगती हो
तीखे तीखे से नैन नक्श
काली काली सी आंखों में
गहरे गहरे से काजल हैं
लंबी लंबी सी दो चोटियां हैं
और होठों पर बिखरी
एक प्यारी प्यारी सी मुस्कान है
तुम्हारी...
आज दर्पण को देखकर
सहसा ये सवाल कर बैठी हूं
कौन हो तुम??
कुछ कुछ पहचानी सी लगती हो
तीखे तीखे से नैन नक्श
काली काली सी आंखों में
गहरे गहरे से काजल हैं
लंबी लंबी सी दो चोटियां हैं
और होठों पर बिखरी
एक प्यारी प्यारी सी मुस्कान है
तुम्हारी...