...

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जंजीरें
इन जंजीरों को तोड़कर
रुख हवा का मोड़कर
चल रहे हैं देखो हम
न जाने अब किस ओर
आँखों में ख़्वाब लिए
दिल में जज़्बात लिए
चल पड़े है मंज़िल की ओर
मन में विश्वास खूब भरा है
एक नई उमंग, एक नया...