...

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हिंदुस्तान
हाँ देश महान हूँ मैं ,शायद नादान हूँ मैं
नजरे उठा कर देखो ,तो हाँ परेशान हूँ मैं ।। सामाजिकता से अनजान नहीं हूँ मैं ।
मनात्मा की गन्दगी से हैरान हूँ मैं
पता नहीं क्यूं अपने ही जन्मों की
हाल देख, बेजुबान हूं मैं।
हाँ इसी देश की मान हूँ मैं
बलात्कार ,हिंसा,अन्याय कुछ ऐसे
बान यहा पर हैं ।
ना बताना यहा की शान हूं मैं।।
देशभक्त ओर देशभ्च्क की, अन्तरान हूं मैं,
चोरो ओर टोपीबाज़ो की भी आन हूं मैं
पता नहीं क्यूं अपनो के लिये भी मौन हूँ मैं,
शायद अब आपबीती देख शामशान हूं मैं।।
फिर भी सनातन , खान के लीए समान हूँ मैं
हाँ हिन्दूस्तान हूँ मैं

© rain and hail