शाम की चाय
आजकल शाम छत पर गुजरती हैं
सुनहरे आसमान की रंगत दिल को सुकून देती हैं
गली कुँचें सुनसान लगते हैं
पर पंछियो की आवाज ही चारो ओर गूंजती हैं
अब तो मेरी भी उनसे अच्छी खासी दोस्ती हैं
हर शाम कल फिर मुलाकात होगी इसी उमीन्द में गुजरती हैं।
आजकल शाम की चाय छत पर ही अच्छी लगती हैं
हवा की सरसराहट...
सुनहरे आसमान की रंगत दिल को सुकून देती हैं
गली कुँचें सुनसान लगते हैं
पर पंछियो की आवाज ही चारो ओर गूंजती हैं
अब तो मेरी भी उनसे अच्छी खासी दोस्ती हैं
हर शाम कल फिर मुलाकात होगी इसी उमीन्द में गुजरती हैं।
आजकल शाम की चाय छत पर ही अच्छी लगती हैं
हवा की सरसराहट...