"महामारी में शिव की महिमा"
हर महामारी, शिव अपना रूप दिखाते,
संहारक वह, संतुलन बनाते।
धरा को एक बार फिर सजाते,
नए सृजन की राह दिखाते।
प्रकृति को एक बार फिर जागते,
हरयाली फिर चरम पर लाते,
प्रकृति...
संहारक वह, संतुलन बनाते।
धरा को एक बार फिर सजाते,
नए सृजन की राह दिखाते।
प्रकृति को एक बार फिर जागते,
हरयाली फिर चरम पर लाते,
प्रकृति...