#WhispersOfTheWind.
#WhispersOfTheWind
कुछ कहनी थी, धीमें से, अनसुनी
कुछ रह गई कह गई, रौशनी
हल्की सी बूंद बारीस की
सोंधी सी खुशबू मिट्टी सी
कुछ कहनी थी, धीमें से, अनसुनी
पत्तों पत्तों की बातें
हौले हौले सी...
कुछ कहनी थी, धीमें से, अनसुनी
कुछ रह गई कह गई, रौशनी
हल्की सी बूंद बारीस की
सोंधी सी खुशबू मिट्टी सी
कुछ कहनी थी, धीमें से, अनसुनी
पत्तों पत्तों की बातें
हौले हौले सी...