...

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आवरण मुस्कुराहट का है... । - Srushti Mahajan
भाषा होठो से बोली जाती होगी मगर ,
होठ नही बोल पाते
जो आखे बोल देती है
दिमाग तणाव को झेलता होगा मगर ,
दिमाग नही समझ पाता
जो दिल तोल लेता है
रीत समझ जाओ दुनिया की ,
अक्सर जो दिखता है
वो कहाँ सच होता है
खुद का ही उदाहरण दूँ तुम्हे तो,
अब आसुओ की किताब छुपाने के लिए
तुम्हारा आवरण मुस्कराहट का है...
- Srushti
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