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काश ऐसा हो पाता
वो चैहरा जिसे देखकर ,
मन खिल जाता है।
कुछ न मिलते हुए भी...
जैसे सब कुछ मिल जाता है।
रातो को सपनो में आकर,
तो दिन में यादो में सताता है।
वो उसका देखने का नजरिया,
मुझे खुब बहकाता है।
काश वो सब,
हकीकत हो जाये ।
जब जागे प्यार मेरा ,
तब ये दुनियाँ सो जाये।
© "अभिलाषा"खरे"
मन खिल जाता है।
कुछ न मिलते हुए भी...
जैसे सब कुछ मिल जाता है।
रातो को सपनो में आकर,
तो दिन में यादो में सताता है।
वो उसका देखने का नजरिया,
मुझे खुब बहकाता है।
काश वो सब,
हकीकत हो जाये ।
जब जागे प्यार मेरा ,
तब ये दुनियाँ सो जाये।
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