...

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धीरे धीरे ये साल भी
धीरे धीरे ये साल भी,
जा रहा है,
खुशियां मनाने सब तैयार भी है,
पिछले साल ,
कैसी बीती ,
आंखों और लबों को पता है,

इस साल जो खुशियां मिलेगी,
प्रतीक्षा की परिधि के बीचों बीच,
ये रेखा ,
शुभेच्छा का हिल्लोल जो आएगा,
सुख एक तरफ,दुख एक तरफ,

आंखों से जो आंसू टपक के गिरी थी,
उसकी नाम नो लाख का मोति होगा,
जिंदगी का एक साल जो घट गया,
सबका शुभेच्छा,
एक साल आगे बढ़ाएगा,
पर नो लाख का मोति ना गिरे,
"घटानेवाला का क्या भरोसा.....,
जानेवाला और आनेवाला काल है वो।"
© Aditya N. Dani