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सांझ को निमंत्रण
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है।
अब उठो तुम है इंतजार किसका
अपनी गति को कंपयमान करो ।
अपना वर्चस्व दिखाओ
निशा जल्दी आएगी
उसके पूर्व तुम अपनी लालिमा को दिखाओ ।
सब को एक संदेश भी पहुंचाना है
की निशा आने के पूर्व
सभी अपने बसरे की
और अग्रसर हो।
उनके निवास पर
उनकी वापिसी की प्रतीक्षा में
कोई बैठा होगा ।
सांझ तुम एक संदेश वहाक हो ।
तुम दोपहर और निशा के मध्य हो।
अपनी सुन्दरता का बखान करो
अब आओ सबके समक्ष और
अपनी गरिमा से
हर थके हारे व्यक्ति और मजदूरों का
सम्मान करो।
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है।
© shivani jain
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है।
अब उठो तुम है इंतजार किसका
अपनी गति को कंपयमान करो ।
अपना वर्चस्व दिखाओ
निशा जल्दी आएगी
उसके पूर्व तुम अपनी लालिमा को दिखाओ ।
सब को एक संदेश भी पहुंचाना है
की निशा आने के पूर्व
सभी अपने बसरे की
और अग्रसर हो।
उनके निवास पर
उनकी वापिसी की प्रतीक्षा में
कोई बैठा होगा ।
सांझ तुम एक संदेश वहाक हो ।
तुम दोपहर और निशा के मध्य हो।
अपनी सुन्दरता का बखान करो
अब आओ सबके समक्ष और
अपनी गरिमा से
हर थके हारे व्यक्ति और मजदूरों का
सम्मान करो।
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है।
© shivani jain
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