समय का मोल
"यदि समय पीछे जा सकता, तो मै एक क्षण को एक नाज़ुक फूल की तरह अपनी मुट्ठी में
पकड़ लेती"
और कर लेती अपने अरमानो को पूरा
जो अब तक अधूरे रह गए,
उस समय को इतना संभाले रखती जैसे
बगिया में लगा गुलाब,
उसकी अहमियत को समझ उसका...
पकड़ लेती"
और कर लेती अपने अरमानो को पूरा
जो अब तक अधूरे रह गए,
उस समय को इतना संभाले रखती जैसे
बगिया में लगा गुलाब,
उसकी अहमियत को समझ उसका...