कुदरत का करिश्मा
कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब ,
वरना हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था!!
जो कहते थे कि मरने तक की फुरसत नहीं है,
वे आज मरने के डर से फुरसत में बैठे है!!
माटी का संसार है खेल सके तो खेल ,
बाजी रब के हाथ है पूरा विज्ञान फेल !!
मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी की उलझनो...
वरना हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था!!
जो कहते थे कि मरने तक की फुरसत नहीं है,
वे आज मरने के डर से फुरसत में बैठे है!!
माटी का संसार है खेल सके तो खेल ,
बाजी रब के हाथ है पूरा विज्ञान फेल !!
मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी की उलझनो...